Interesting facts about Ram Setu in Hindi | राम सेतु से जुड़े कुछ रोचक तथ्य इन हिंदी | Ram Setu Facts

Interesting facts about Ram Setu in Hindi | राम सेतु से जुड़े कुछ रोचक तथ्य इन हिंदी | Ram Setu Facts


जब रावण माता सीता का अपहरण करके लंका ले गया (Interesting Things About Rameshwaram Setu) तब भगवान श्रीराम ने वानर सेना की सहायता से केवल पांच दिनों के अंदर तमिलनाडु के रामेश्वरम से (Ram Setu Pul Kaha Hai) श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक 100 योजन लंबा सेतु बना दिया था जिसे आज हम राम सेतु के नाम से जानते है। यह सेतु इतिहास में हुए एक अद्भुत निर्माण कार्यों के साथ-साथ लोगों के बीच आस्था का भी प्रमुख केंद्र हैं। आज हम इसी राम सेतु के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Unknown Facts About Ram Setu In Hindi) आपके साथ साँझा करेंगे।


Interesting facts about Ram Setu in Hindi

Fact no 1.

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राम सेतु तमिलनाडु के रामेश्वरम में धनुषकोडी नामक स्थल से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक पहुँचता हैं जिसकी लंबाई लगभग 48 किलोमीटर (Ramsetu Ki Lambai In KM) हैं। इसका निर्माण चूने के पत्थर, बलुआ रेत, बड़ी-बड़ी चट्टानों के साथ किया गया हैं (Ram Setu Ka Patthar) जो जमीन में लगभग 3 से 30 फुट तक गहरे हैं।


Fact no 2.

विश्व के अति प्राचीन अद्भुत निर्माण जैसे कि चीन की दीवार, मिस्र के पिरामिड इत्यादि 3 से 4 हज़ार वर्ष पुराने हैं (Ram Setu Bridge History In Hindi) जबकि राम सेतु को वैज्ञानिक भी कम से कम सात हज़ार वर्ष से ज्यादा प्राचीन मान चुके हैं। धर्म के अनुसार इसका निर्माण आज से लाखों वर्ष पहले त्रेता युग में रामायण काल के समय किया गया था।


Fact no 3.

वाल्मीकि रामायण के अनुसार इस पुल का निर्माण नल व नील ने वानर सेना की सहायता से केवल पांच दिनों के अंदर किया था (Ram Setu Truth In Hindi) जिसमे पहले दिन 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन व अंतिम दिन 23 योजन पुल का निर्माण किया गया। साथ ही इस पुल की चौड़ाई 10 योजन थी।


Fact no 4.

इस पुल में ऊपर पत्थर तैर रहे हैं व नीचे रेत हैं लेकिन रेत यहाँ पर बाद में जमा हुई थी। इसका प्रमाण यह हैं कि पत्थरों को लगभग सात हज़ार वर्ष प्राचीन व रेत को चार हज़ार वर्ष प्राचीन माना गया हैं अर्थात रेत बाद में यहाँ नीचे जमा हो गयी थी।

Ram Setu Facts in Hindi

Fact no 5.

इस पुल का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से निकले पत्थरों की सहायता से किया गया हैं जो अत्यधिक गर्म होते हैं और हवा-पानी के संपर्क में आते ही अत्यधिक कठोर बन जाते हैं। साथ ही इनमे सूक्ष्म छिद्र भी होते हैं व जब इन्हें पानी में डाला जाता हैं तो इन छिद्रों में हवा भरी होने के कारण यह हल्के व स्पंजी हो जाते हैं जिस कारण ये पानी में तैरने लगते हैं।


Fact no 6.

इस पुल के निर्माण में पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया यह आज तक एक रहस्य बना हुआ हैं (Untold Facts About Ram Sethu)। वैज्ञानिकों ने इस पर गहन रिसर्च की लेकिन इसके पीछे जुड़े रहस्य को आज तक नही जान पाएं।


Fact no 7.

15वीं शताब्दी तक यह पुल एक दम सही अवस्था में व चलने लायक था (Can We Walk On Ram Setu)। लोग तमिलनाडु से श्रीलंका के बीच सामान की आवाजाही भी इसी पुल के माध्यम से करते थे लेकिन सन 1480 में समुंद्र में एक विशाल चक्रवात आया था जिसके बाद यह पुल पानी के अंदर थोड़ा डूब गया।


Fact no 8.

कुछ लोग इसे आदम पुल (Adam’s Bridge) के नाम से भी बुलाते है जो कि बिल्कुल गलत हैं। विदेशी लोगों के द्वारा इसे हिंदू धर्म व श्रीराम से अलग करने के प्रयासों के तहत इसे इस नाम से बुलाया जाने लगा।


Fact no 9.

सन 2005 में भारत की कांग्रेस सरकार ने समुंद्रम सेतु प्रोजेक्ट के तहत भारत की सर्वोच्च न्यायालय में राम सेतु को तोड़ने की बात कही थी। उन्होंने न्यायालय में श्रीराम व श्रीकृष्ण के अस्तित्व को नकार दिया था (Ram Setu Controversy By Congress) व जहाजों की आवाजाही के लिए सेतु को तोड़ने के लिए आज्ञा मांगी थी। 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद सर्वोच्च न्यायालय से इसे तोड़ने का निर्णय सरकार ने वापस ले लिया था (Ram Setu Vivad)।


Fact no 10.

अमेरिका, यूरोप इत्यादि देशों की हजारों संस्थाओं, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं ने इस पर शोध किया हैं व इसे प्राकृतिक ना मानकर मानव निर्मित माना हैं। उनके अनुसार यह हमारे इतिहास के लोगों के द्वारा बनाया गया एक ऐसा अद्भुत निर्माण है जो शायद आज की तकनीक से भी संभव ना हो।


Fact no 11.

इस पुल जैसे भू-भाग को राम का पुल या राम सेतु कहा जाने लगा। सबसे पहले श्रीलंका के मुसलमानों ने इसे आदम पुल कहना शुरू किया था। फिर ईसाई या पश्चिमी लोग इसे एडम ब्रिज कहने लगे। वे मानते हैं कि आदम इस पुल से होकर गुजरे थे।


धन्यवाद।



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